गीत/नवगीत

गीत- धोखे हम खा जाते हैं

“हमने दुनिया देखी है”-हम सबसे यही बताते हैं.
फिर भी अक्सर कैसे-कैसे धोखे हम खा जाते हैं.

ये दुनिया है बहुत अनोखी
इसके चलन अनोखे हैं.
जो विश्वास अधिक करते हैं
वे ही खाते धोखे हैं.
जो नज़दीक बहुत होते हैं चोट वही पहुँचाते हैं.
हमने दुनिया देखी है”-हम सबसे यही बताते हैं.

रिश्ते में जब स्वारथ आता
कोई ध्यान न देता है.
मौका पाकर ये स्वारथ ही
रिश्ते को ठग लेता है.
कब हम कैसे ठगे गये हैं ये भी जान न पाते हैं.
हमने दुनिया देखी है”-हम सबसे यही बताते हैं.

कभी-कभी लगता है-हम इन
रिश्तों से मुँह मोड़ चलें.
स्वारथ वाली इस दुनिया से
अपना रिश्ता तोड़ चलें.
पर है रंगबिरंगी दुनिया, रंग हमें भरमाते हैं.
हमने दुनिया देखी है”-हम सबसे यही बताते हैं.

डाॅ. कमलेश द्विवेदी
मो.09415474674