मनुष्य जीवन की सफलता के लिए वेदों की शरण लेना आवश्यक
ओ३म् मनुष्य जीवन संसार की सभी जीव योनियों में सर्वश्रेष्ठ है जिसे निर्विवाद रुप से सभी स्वीकार करते हैं।
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Read Moreघर घर दीप जले ज्योति-पर्व आया मनभावन घर-घर दीप जले। रजत हुआ रजनी का आँगन श्यामल गगन तले।
Read Moreकोलकाता को मैं हमेशा कलकत्ता ही बोलता हूं। अभी तक मैंने यह शहर सिर्फ अखबार, टीवी, तस्वीरों और इंटरनेट के
Read Moreचाँद को पहलू में लेके चाँद से चाँद का दीदार कर लें फलक से बातें करें पुरअसर दिल पे एतबार
Read Moreनकली फूल, बनावट की खुशबु का है व्यापार गुलशन की क्यूं फिक्र करे, व्यापारी सत्तादार। होने लगे आदर्श कलंकित, हर
Read Moreओ३म् स्वामी दयानन्द जी सितम्बर, 1882 में मेवाड़ उदयपुर के महाराजा महाराणा सज्जन सिंह के अतिथि थे। नवरात्र के अवसर
Read Moreआदरणीय विजय कुमार सिंघल जी, प्रधान संपादक ‘जय विजय’ को जन्म दिन पर समर्पित, भारत की शान आपने सदा, अपना
Read Moreग़ज़ल(खुदा जैसा ही वह होगा) वक़्त की साजिश समझ कर, सब्र करना सीखियें दर्द से ग़मगीन वक़्त यूँ ही गुजर
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