Month: October 2015

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

श्रीमद्भगवद्गीता व सत्यार्थप्रकाश के अनुसार जीवात्मा का यथार्थ स्वरूप

ओ३म् जीवात्मा के विषय में वैदिक सिद्धान्त है कि यह अनादि, अनुत्पन्न, अजर, अमर, नित्य, चेतन तत्व वा पदार्थ है।

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समाचार

10वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन : सही राह और सच्चे सरोकारों का आईना

10वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन अब तक के विश्व हिंदी सम्मेलनों में मील के पत्थर की तरह एक महत्वपूर्ण पड़ाव था।

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