धर्म विषयक सत्य व यथार्थ ज्ञान को ग्रहण करना व कराना कठिन कार्य है
ओ३म् महर्षि दयानन्द ने आर्य समाज का चतुर्थ नियम यह बनाया है कि ‘सत्य के ग्रहण करने और असत्य
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Read Moreजब भी अहम में डूबा कोई वो रण हार गया. कितना ताकतवर था फिर भी रावण हार गया. झूठ उसे
Read Moreवर्ण पिरामिड लेखन की एक पुस्तक लाने की योजना है 51 प्रतिभागियों का ये प्रयास है लोगों को जोड़ने की
Read Moreसुबह एक हाथ में था समाचार पत्र और एक हाथ में थी चाय की प्याली। पीते-पीते चाय मैंने जब नज़र
Read Moreनहीं जानता था कि यहाँ पर इतना सब कुछ होगा। फर्ज को एहसान बताकर ऐसा हृदय विदारक होगा। मेरे मन
Read Moreअंधकार के साये में जब, खुद को घिरता पाता हूं। तब मन में नव आशाओं के, जगमग दीप जलाता हूं॥
Read Moreचीर कर इन घनघोर अंधेरों का सीना किरणें एक दिन आयेंगी जरुर,धीरज रख मुरझाई हुई कलियां एक दिन खिलेंगी मुस्काएंगी
Read Moreनील मोती सिप प्यारी आँख से झरना बहा कब रुके नैनों की सरिता भावना बहती जहां || हंसती हुयी ऑंखें
Read Moreटूट कर जब गगन से गिरे थे सितारे बाँध आँचल में मैने संभाले ढेर सारे गिरे न एक भी धरा
Read Moreगणतंत्र का महिमा है, कोई भी लड़े चुनाव फ़क़ीर बन गए राजा, जीतकर आम चुनाव| आनंद विभोर भये राजा,
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