लघुकथा

लघुकथा : चुनौती

पिता की बड़ी इच्छा थी कि बेटी खूब पढे–लिखे और विदेश जाये। बेटी ने उच्च शिक्षा तो प्राप्त कर ली मगर विदेश न जा पाई। संयोग से विदेश में रहने वाला लड़का मिल गया और शादी के बाद वह विदेश चली गई।
शीघ्र ही लाड़ली बेटी सुंदर से बेटे की माँ बन गई। खुशियाँ दरवाजे पर दस्तक दे रही थीं पर बेटी ने अनुभव किया, पति बदल रहा है। बाहर कुछ ज्यादा ही समय देने लगा है ।
उस रात वह अनमनी सी पति के आने का इंतजार कर रही थी। पति आया पर बेमन से बोला– सोई नहीं ?
-सोती कैसे आपके बिना !
-आदत डाल लो बिना मेरे सोने की। ज्यादा चुप रहकर तुम्हें और धोखा नहीं देना चाहता। मेरी पहले से ही एक विदेशी महिला से शादी हो चुकी है। दो बच्चों का बाप हूँ। मैं तो शादी करना ही नहीं चाहता था, पर मेरे माँ-बाप को तो वारिस चाहिए था, वह भी भारतीय बहू से। उनको उनका वारिस मिल चुका है। मेरी तरफ से तुम आजाद हो। कहीं भी रहो, कहीं भी जाओ ।
-अच्छा हुआ बता दिया। धोखा तो तुम दे ही चुके हो, पर मैं तुम्हें धोखे में नहीं रखूंगी। मैं एक वकील हूँ और एक वकील से तुम उसकी औलाद नहीं छीन सकोगे, यह मेरी चुनौती है।

सुधा भार्गव

जन्म -स्थल -अनूपशहर ,जिला –बुलंदशहर (यू .पी .) शिक्षा --बी ,ए.बी टी (अलीगढ़ ,उरई) प्रौढ़ शिक्षा में विशेष योग्यता ,रेकी हीलर। हिन्दी की विशेष परीक्षाएँ भी उत्तीर्ण की। शिक्षण --बिरला हाई स्कूल कलकत्ता में २२ वर्षों तक हिन्दी भाषा का शिक्षण कार्य |किया शिक्षण काल में समस्यात्मक बच्चों के संपर्क में रहकर उनकी भावात्मक ,शिक्षात्मक उलझनें दूर करने का प्रयास रहा । सेमिनार व वर्कशॉप के द्वारा सुझाव देकर मुश्किलों का हल निकाला । सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत बच्चों की अभिनय काला को निखारा । समय व विषय के अनुसार एकांकी नाटक लिखकर उनके मंचन का प्रयास हुआ । संस्थाएं --दिल्ली -ऋचा लेखिका संघ ,हिन्दी साहित्य सम्मेलन तथा साहित्यिकी (कलकत्ता ) से जुड़ाव । दिल्ली आकाशवाणी रेडियो स्टेशन में बालविभाग व महिला विभाग के जुड़ाव के समय बालकहानियाँ व कविताओं का प्रसारण हुआ । देश विदेश का भ्रमण –राजस्थान ,बंगाल ,दक्षिण भारत ,उत्तरी भारत के अनेक स्थलों के अतिरिक्त सैर हुई –कनाडा ,अमेरिका ,लंदन ,यूरोप ,सिंगापुर ,मलेशिया ,नेपाल आदि –आदि । साहित्य सृजन --- विभिन्न विधाओं पर रचना संसार-कहानी .लघुकथा ,यात्रा संस्मरण .कविता कहानी ,बाल साहित्य आदि । साहित्य संबन्धी संकलनों में तथा पत्रिकाओं में रचना प्रकाशन विशेषकर अहल्या (हैदराबाद)।अनुराग (लखनऊ )साहित्यिकी (कलकत्ता )नन्दन (दिल्ली ) अंतर्जाल पत्रिकाएँ –द्वीप लहरी ,हिन्दी चेतना ,प्रवासी पत्रिका ,लघुकथा डॉट कॉम आदि में सक्रियता । प्रकाशित पुस्तकें— रोशनी की तलाश में --काव्य संग्रह इसमें गीत ,समसामयिक कविताओं ,व्यंग कविताओं का समावेश है ।नारीमंथन संबंधी काव्य भी अछूता नहीं। बालकथा पुस्तकें---कहानियाँ मनोरंजक होने के साथ -साथ प्रेरक स्रोत हैं। चरित्र निर्माण की कसौटी पर खरी उतरती हुई ये बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने में सहायक होंगी ऐसा विशवास है । १ अंगूठा चूस २ अहंकारी राजा ३ जितनी चादर उतने पैर 4-मन की रानी छतरी में पानी 5-चाँद सा महल सम्मानित कृति--रोशनी की तलाश में(कविता संग्रह ) सम्मान --डा .कमला रत्नम सम्मान , राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान पुरस्कार --राष्ट्र निर्माता पुरस्कार (प. बंगाल -१९९६) वर्तमान लेखन का स्वरूप -- बाल साहित्य, लोककथाएँ, लघुकथाएँ लघुकथा संग्रह प्रकाशन हेतु प्रेस में

2 thoughts on “लघुकथा : चुनौती

  • ओम प्रकाश क्षत्रिय

    आदरणीय सुधा भार्गव जी वाकई आप ने बहुत जोरदार चुनौती दी है. बधाई आप को .

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    स्थिति तब बदलेगी न जब सोच बदलेगा

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