ग़ज़ल
आप चादर ओढ़ कर क्यों फिर रहे अभिमान की बोझ सी है जिंदगी कीमत नहीं है जान की राह पर
Read Moreदीवाली का त्यौहार यानी खुशियो का त्योंहार इस त्यौहार को हम सब हँसी ख़ुशी और सभी के साथ मिलकर मानते
Read Moreयह शायद १९५८ की बात होगी जब हम चार दोस्त शहर के एक हाई स्कूल में पड़ते थे। हम गाँव
Read Moreकहा यह जाता है की हिन्दू धर्म एक सहिष्णु धर्म है, ऐसे विचार फैलाये जाते हैं की हिन्दू धर्म में
Read Moreहर घर में खुशियां फ़ैलाने अपने दिल से अंधकार मिटाने चलो एक दीप और जला ले युवाओ को सही का
Read Moreसाहित्यकारों के पश्चात् कुछ फिल्मकारों और श्री भार्गव जैसे वैज्ञानिकों द्वारा पुरस्कार वापसी की घोषणा पर प्रकाश डालती कविता– प्रतिरोधों
Read Moreबहादर को भी काम मिल गिया था और हमारी जेब में पैसे आने लगे थे जिस से हम को हौसला
Read Moreक्षमाशीलता का अर्थ है निंदा, अपमान और हानि में अपराध करने वाले को दंड देने का भाव न रखना। संसार
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