धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सहिष्णुता और द्रौपदी

शान्ति का प्रस्ताव लेकर श्रीकृष्ण हस्तिनापुर जाने के लिए तैयार हो गए थे। सिर्फ पाँच गाँवों के बदले शान्ति के लिए पाण्डवों ने स्वीकृति दे दी थी। द्रौपदी को यह स्वीकार नहीं था। १३ वर्षों से खुली केशराशि को हाथ में पकड़कर उसने श्रीकृष्ण को दिखाया। नेत्रों में जल भरकर वह बोली —
“कमलनयन श्रीकृष्ण! मेरे पाँचों पतियों की तरह आप भी कौरवों से संधि की इच्छा रखते हैं। आप इसी कार्य हेतु हस्तिनापुर जाने वाले हैं। मेरा आपसे सादर आग्रह है कि अपने समस्त प्रयत्नों के बीच मेरी इस उलझी केशराशि का ध्यान रखें। दुष्ट दुःशासन के रक्त से सींचने के बाद ही मैं इन्हें कंघी का स्पर्श दूँगी। यदि महाबली भीम और महापराक्रमी अर्जुन मेरे अपमान और अपनी प्रतिज्ञा को विस्मृत कर, युद्ध की विभीषिका से डरकर कायरता को प्राप्त कर संधि की कामना करते हैं, तो करें। धर्मराज युधिष्ठिर की सहिष्णुता तो पूरी कौरव सभा ने देखी। मैं निर्वस्त्र की जा रही थी; वे शान्त बैठे रहे। आपने भी पाँच गाँवों के बदले शान्ति के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। अपमान की प्रचंड अग्नि में जलते हुए मैंने १३ वर्षों तक प्रतीक्षा की है। आज मेरे पाँचों पति कायरों की भांति संधि की बात करते हैं। वे सहिष्णुता की आड़ में नपुंसकता को प्राप्त हो रहे हैं। मेरे अपमान का बदला मेरे वृद्ध पिता, मेरा पराक्रमी भ्राता, मेरे पाँच वीर पुत्र और अभिमन्यु लेंगे। वे कौरवों से जुझेंगे और दुःशासन की दोनों सांवली भुजाएं तथा मस्तक को काट, उसके शरीर को मेरे समक्ष धूल-धूसरित कर मेरी छाती को शीतलता प्रदान करेंगे।”
—- ‘महाभारत’, विराट पर्व

बिपिन किशोर सिन्हा

B. Tech. in Mechanical Engg. from IIT, B.H.U., Varanasi. Presently Chief Engineer (Admn) in Purvanchal Vidyut Vitaran Nigam Ltd, Varanasi under U.P. Power Corpn Ltd, Lucknow, a UP Govt Undertaking and author of following books : 1. Kaho Kauntey (A novel based on Mahabharat) 2. Shesh Kathit Ramkatha (A novel based on Ramayana) 3. Smriti (Social novel) 4. Kya khoya kya paya (social novel) 5. Faisala ( collection of stories) 6. Abhivyakti (collection of poems) 7. Amarai (collection of poems) 8. Sandarbh ( collection of poems), Write articles on current affairs in Nav Bharat Times, Pravakta, Inside story, Shashi Features, Panchajany and several Hindi Portals.