शिशुगीत

शिशुगीत – 12

1. स्वेटर

सर्दी आयी, पहनो स्वेटर
रहे नहीं फिर कुहरे का डर
नीले-पीले, काले-लाल
जैसे भी हों, करें कमाल

2. रजाई

ओढ़ रजाई ठंढ भगाओ
मीठे सपनों में खो जाओ
नहीं निकालो इससे हाथ
गर्माहट का पाओ साथ

3. कंबल

इसको करती प्यार रजाई
ये है उसका छोटा भाई
करता उसके सारे काम
लेते सारे इसका नाम

4. दस्ताने

हाथों को गरमाते हैं ये
उनसे काम कराते हैं ये
पहन इन्हें जाना सब स्कूल
ठंढी को जाओगे भूल

5. मफलर

कान और सिर को ढँक लेते
नहीं हवा ये लगने देते
भूल गया जो इनका नाम
उसको करता तंग जुकाम

*कुमार गौरव अजीतेन्दु

शिक्षा - स्नातक, कार्यक्षेत्र - स्वतंत्र लेखन, साहित्य लिखने-पढने में रुचि, एक एकल हाइकु संकलन "मुक्त उड़ान", चार संयुक्त कविता संकलन "पावनी, त्रिसुगंधि, काव्यशाला व काव्यसुगंध" तथा एक संयुक्त लघुकथा संकलन "सृजन सागर" प्रकाशित, इसके अलावा नियमित रूप से विभिन्न प्रिंट और अंतरजाल पत्र-पत्रिकाओंपर रचनाओं का प्रकाशन