गीत/नवगीत

गीत : पापी को अब छोड़ दिया

रिहा कर दिया बलात्कारी को कहकर ये तो बच्चा है
दिल्ली के नेता को लगता भोला, मन का सच्चा है

इन सरकारों के चलते हम घूँट खून का पीएँगे
कपड़े फाड़ने वाले अब लोगों के कपड़े सीएँगे

उसे दुकान भी देने की सिफारिश हाकिम करते हैं
जनता के पैसे से इक मुजरिम की जेबें भरते हैं

जिसने दामिनी की इज्जत को बीच बाज़ार में कत्ल किया
मासूम कली को खिलने से पहले ही जिसने मसल दिया

चलती बस में मासूमों के खून की होली खेली थी
जिसके हाथों दो बच्चों ने इतनी पीड़ा झेली थी

नाबालिग कहकर तुमने उस पापी को अब छोड़ दिया
ना जाने क्यों उसके सारे पापों से मुँह मोड़ लिया

पहले लेकर नाम उसी का बड़े जुलूस निकाले थे
गिने ना जाएँ सड़कों पर इतने भाषण दे डाले थे

लेकिन सत्ता मिलते ही पिछली बातों को भूल गए
हाथ में ताकत आई तो शायद ज्यादा ही फूल गए

दुर्योधन के साथी तुम दुशासन के रखवाले हो
धृतराष्ट्र तो अँधा था पर तुम तो आँखों वाले हो

फिर भी तुम ना देख सके क्यों निर्भया की बेहाली को
हर युग में सहना होगा क्या चीरहरण पांचाली को

अब भी वक्त है रोक लो खुद को कहीं गज़ब ना हो जाए
फिर से कोई महाभारत का युद्ध शुरू ना हो जाए

हमने शस्त्र उठा लिए तो फिर कोहराम मचा देंगे
दानवों का इस दुनिया से फिर नामोनिशां मिटा देंगे

स्तब्ध है सारी मानवता, सारा भारत शर्मिंदा है
ज्योति पूछ रही क्यों अब तक मेरा कातिल जिंदा है

— भरत मल्होत्रा

*भरत मल्होत्रा

जन्म 17 अगस्त 1970 शिक्षा स्नातक, पेशे से व्यावसायी, मूल रूप से अमृतसर, पंजाब निवासी और वर्तमान में माया नगरी मुम्बई में निवास, कृति- ‘पहले ही चर्चे हैं जमाने में’ (पहला स्वतंत्र संग्रह), विविध- देश व विदेश (कनाडा) के प्रतिष्ठित समाचार पत्र, पत्रिकाओं व कुछ साझा संग्रहों में रचनायें प्रकाशित, मुख्यतः गजल लेखन में रुचि के साथ सोशल मीडिया पर भी सक्रिय, सम्पर्क- डी-702, वृन्दावन बिल्डिंग, पवार पब्लिक स्कूल के पास, पिंसुर जिमखाना, कांदिवली (वेस्ट) मुम्बई-400067 मो. 9820145107 ईमेल- rajivmalhotra73@gmail.com

2 thoughts on “गीत : पापी को अब छोड़ दिया

  • हमने शस्त्र उठा लिए तो फिर कोहराम मचा देंगे
    दानवों का इस दुनिया से फिर नामोनिशां मिटा देंगे, ऐसे ही तो इन्कलाब आते हैं !

  • हमने शस्त्र उठा लिए तो फिर कोहराम मचा देंगे
    दानवों का इस दुनिया से फिर नामोनिशां मिटा देंगे, ऐसे ही तो इन्कलाब आते हैं !

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