कविता

कुछ प्रेम लिख कुछ प्रीत लिख…

कुछ प्रेम लिख कुछ प्रीत लिख
अनुराग की नव रीत लिख।
इन धडकनों के स्वर के संग
मनमीत मन का गीत लिख॥

कुछ झुकते नयनो की अदा
कुछ इन लबों की मयकदा।
कुछ बिदिंया चमकार लिख
कुछ रूप का श्रंगार लिख॥

लिख उडते आंचल को हवा
जुल्फों को लिख काली घटा।
अंगडाई को बिजली लिखो
मुस्कान कलियों की छटा॥

पायल को रुमझुम साज लिख
नखरे भी लिख कुछ नाज लिख।
नथिनी को लिख मीठी कसक
दिलकश है हर अंदाज़ लिख॥

वाणी को वीणा तान लिख
इस सादगी को जान लिख।
हर अंग को लिख दो रति
नारीत्व को सम्मान लिख॥

इस सोच को दृष्टा लिखो
इस गोद को श्रृष्टा लिखो।
कुछ और लिखो न लिखो
इतना करो बस मां लिखो॥

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.