कविता

कविता : एक गुजारिश नववर्ष से

 

सुनो नव वर्ष इस तरह से आना
जीवन में सबके खुशियां लाना !

खोये रहते जो अंधेरों में हमेशा
उनके मन में इक दीप जगाना !

खुशी आ जाए चेहरे पे उनके
भूल गये हैं जो मुस्कराना !

उजड़ गया हो चमन जिनका
उनकी बगिया को महकाना !

मन में जिनके द्वेष भरा हो
उनके मन को निर्मल बनाना!

अधूरे रह गये ख्वाब जिनके
वो भी लिख जाएं अफसाना !

बेघर न अब रहे कोई भी
सबको मिल जाए इक ठिकाना !

भागती हुई इस जिंदगी में
सबको मंजिलों तक ले जाना !

ऐसा कुछ तुम कर जाओ
नामुमकिन हो जाए तुम्हें भुलाना !

ये सब तो इस जग के लिए है
मैं तो चाहूं बस अपना कान्हा !

मुझे कुछ नहीं चाहिये तुमसे
बस मेरा कान्हा दे जाना !

सुनो नव वर्ष इस तरह से आना
जीवन में सबके खुशियां लाना !

डॉ सोनिया
आप सभी को आने वाले नववर्ष की शुभकामनाएं!!!!!!

डॉ. सोनिया गुप्ता

मैं डॉ सोनिया गुप्ता (बी.डी.एस; ऍम.डी.एस) चंडीगढ़ के समीप,डेराबस्सी शहर में रहने वाली हूँ! दंत चिकित्सक होने के साथ साथ लिखना मेरा शौंक है! २००५ में पहली बार मैंने कुछ लिखने की कोशिश में अपनी कलम उठाई थी और, आगे ही आगे लिखने का सफर चलता रहा! कुछ कविताएँ हरियाणा की पत्रिका “हरिगंधा में प्रकाशित हुई! मेरी हाल ही में दो काव्य संग्रह प्रकाशित हुई हैं! मैं अंग्रेजी में भी कविताएँ लिखती हूँ, और कुछ पत्रिकाओं में प्रकाशित भी हुई! मेरे तीन अंग्रेजी और तीन हिंदी के काव्य संग्रह शीघ्र ही प्रकाशित होने वाले हैं! कवियत्री होने के साथ साथ मुझे चित्रकारी, गायिकी, सिलाई, कढाई, बुनाई, का भी हुनर प्राप्त है! मेरे जीवन की अनुकूल परिस्थितयों ने मुझे इन सब कलाओं का अस्तित्व प्रदान किया! कहते हैं, ”इरादे नेक हों तो सपने भी साकार होते हैं, अगर सच्ची लग्न हो तो रास्ते भी आसान होते हैं”..अपनी लिखी इन्हीं पंक्तियों ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया आगे बढने के लिए ! मेरा हर कार्य मेरे ईश्वर, मेरे माता पिता को समर्पित है, जिनके आशीष से मैं आज इस मुकाम तक पहुंची हूँ ! आशा है मेरी कलम से तराशे शब्द थोड़े बहुत पसंद अवश्य आएँगे सभी को!!!

One thought on “कविता : एक गुजारिश नववर्ष से

  • मनमोहन कुमार आर्य

    कविता अच्छी लगी। मुझे आपकी कविता में वैदिक श्लोक “सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्’ की ध्वनि सुनाई दी है। धन्यवाद एवं शुभकामनायें।

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