आल्ह छ्न्द
आल्ह छ्न्द[ १६+१५=३१ अंत गाल =२१ ==================================== चलें नहाने गंगा जमुना, ईश्वर का प्यारा वरदान/ संगम तट पे भीड़ देखि
Read Moreआल्ह छ्न्द[ १६+१५=३१ अंत गाल =२१ ==================================== चलें नहाने गंगा जमुना, ईश्वर का प्यारा वरदान/ संगम तट पे भीड़ देखि
Read Moreसादर शुभ दिवस मित्रों, मंच के समस्त प्रबुद्ध जनों को सादर प्रेषित है एक कुण्डलिया……. “कुण्डलिया” छोड़ तुझे जाऊं कहाँ,
Read Moreउवट, महीधर और सायणाचार्य आदि भाष्यकारों का विचार था कि वेद में वर्णित अग्नि, इन्द्र, वरुण, मित्र आदि कल्पित स्वर्ग
Read Moreसुन ए मेरे मुल्क तेरा दलित ही दया का पात्र क्यों….. संसद की चौखट पर पुजारी की दुत्कार का पात्र
Read Moreमहाभारत वर्णित जलाशय के पास से गुजरते हुए मेरे भीतर अचानक धर्मराज युद्धिष्ठिर की आत्मा बरबस घुस गई I यक्ष
Read Moreओ३म् हमारे लेख के शीर्षक से आर्यसमाज के अनुयायी तो प्रायः सभी सहमत होंगे परन्तु इतर बन्धु इस तथ्य को
Read Moreएक प्रयास .. मत कभी भूलो का हिसाब रख दिल में एक पंखुड़ी गुलाब रख || खुश रहना है तो,
Read Moreपश्चिम बंगाल का मालदा कभी आम के लिए मशहूर हुआ करता था. वहां बड़े पैमाने पर चावल की खेती की
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