बाल कविता

तितली रानी..

तितली रानी तितली रानी
तेरी पंख कितनी सुहानी
फूलों पर रहती मँडराती
लाल, हरा, निला, पीला
सब फूलों पर राज करतीं
बच्चो को खूब भॉती हो
तुम्हे देखकर ही बच्चे
बागो में घुस जाते हैं
तुम्हे पकडने के लियें
खुब दौड लगाते हैं
कभी हाथ आती तो
कभी छुट जाती हो
अपने आप पर तुम
खुब ही इतराती हों
कभी अपना पंख फैलाकर
आसमान में उड जाती हों
कभी यहॉ कभी वहॉ
खुब सैर लगाती हों|
निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४