कुण्डलिया छंद
1) पीता विष का घूँट हूँ, सुनके कड़वी बात। बात-बात में कर गया, बेटा दिल आघात।। बेटा दिल आघात,
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Read Moreबहुत सुना था नाम मगर वो जन्नत जाने कहाँ गयी हाथों में रह गयी लकीरें किस्मत जाने कहाँ गयी वक्त
Read Moreman proposes,god disposes . हमारी ख़ुशी ज़्यादा देर तक रह नहीं सकी शायद यह विधि का विधान ही है कि वो
Read Moreहमने तो अपने नगमो में दिल का सहज बयान लिखा कभी लिखी बेबस की पीड़ा और कभी तूफ़ान लिखा जात
Read Moreशेखचिल्ली – यार ! ये मोदी जब से प्रधानमंत्री बना है, देश की बारह बजा कर रख दी है I
Read Moreअब न होगी कल इस शहर में मेरी सहर जाना हैं अब मुझे निशा के गहन तिमिर में बसाकर याद-ए-मोहब्बत
Read Moreअवतार आज पूरे २० साल बाद वतन वापिस आया था, एयरपोर्ट से बाहर आते ही वतन की भूमि को प्रणाम
Read Moreशॉपिंग सेंटर में सीमा की नजर एक औरत पर पड़ी जो उसे जानी पहचानी सी लग रही थी उसके
Read Moreदरवाजे पर दस्तक हुई शांति देवी ने दरवाजा खोला, लता अपने हाथ में खाने की थाली लिए खड़ी थी।
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