ओ३म् –नये वर्ष का प्रथम दिन शुभ संकल्प लेने का दिन है- हमें हमारे माता-पिता इस संसार में लाये। जब हम जन्में तब हमें अपना, परिवार, समाज व संसार का किंचित ज्ञान नहीं था। माता...
नव वर्ष हमारा ऐसा हो— जीवन का हर पल सुखदायी हो, हर घर आँगन खुशियां छाईं हों , ममता का आँचल फैला हो, घर में बहारों का मेला हो, हर बच्चा फूल के जैसा हो— नव...
ये अलसाई आँखों में सपने सजाकर, नया साल आया, नया साल आया कि माज़ी के हर दर्दो-ग़म को भुलाकर, नया साल आया, नया साल आया कि शबनम से धरती नहाई हुई है उमंगों की ख़ुश्बू...
झील ऊपर से दिखती कितनी शांत पर क्या वाकई है वो इतनी शांत, कितने अक्स कितनी परछाईयां कितनी ज़िन्दगी कितनी सच्चाइयाँ, छुपाये अपने सीने में मौन सोच रही है अपना है कौन ? रोज़ बनता बिगड़ते...
‘एक तो घर में जगह नहीं उप्पर से नये कपड़े चाहिए पर पुराने किसी को देने को कहो तो मुहं बनता | ‘ भुनभुनाते हुए थैले सहेजती | पुराने थैले को खोल देखती फिर छाँट कर...
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