कविता

कविता : जब तक…

जब तक युवा मक्कारी आलस के पग चूमेगा
सच कहता हूँ तब तक भारत औरों के आगे झुकेगा

नहीं खौला खून जिसका व्यर्थ जवां तरूणाई है
टकराकर, पर्वत चूर नहीं तो ये बुझी हुई अंगड़ाई है

जिसकी रगोंमें सुप्त शोणित उसका कोई अस्तित्व नहीं
वो जिन्दा लाशें हैं भूमि पर उनमे कोई जीव नहीं

जागो, उठो मंजिल को भागो ये युग पुरुष का नारा है
हिन्दी हिन्दू हिन्दूस्तान पर जिसने तन मन वारा है

उनके आदर्शों पर चलकर, आआे, देशप्रेम रस पान करो
अपने भुजदण्डों पर रख जग से ऊंचा हिन्दुस्तान करो  !!

अतुल बालाघाटी

नाम- अतुल बालाघाटी शिक्षा- हायर सेकण्डरी ( शाला- परसवाड़ा, बालाघाट) तथा आई० टी० आई०( बालाघाट) बी. ए. हिन्दी उम्र- २३ वर्ष मो० 9755740157, 9009697759 e mail- tembhareatul92@gmail.com पता- ग्राम चीनी ,तह- परसवाड़ा ,जिला- बालाघाट (म प्र)