गीतिका/ग़ज़ल

दिल में क्यूं है इतना मलाल मत पूछ…

दिल में क्यूं है इतना मलाल मत पूछ।
जिनके उत्तर नही वो सवाल मत पूछ॥

अब जहां हूं जैसा हूं बस ठीक हूं मैं।
हमदर्दी मत दिखा मेरा हाल मत पूछ॥

जानें क्या क्या लील गयी ये आग।
कितना जल गया हैं माल मत पूछ॥

पहले से ही बंटें हैं हम वो क्या कम हैं।
कितनी हुई है एकता हलाल मत पूछ॥

आबरु लुटी दुकान लुटी व्यापार लुटा।
क्या क्या लूट ले गया बवाल मत पूछ॥

मिटाने से तो बस मिटता है हमारा ही।
कौन है जो हो रहा निहाल मत पूछ॥

अब हमें दुश्मनों की ज़रुरत ही कहां है।
क्यूं बने ख़ुद ही ख़ुद का काल मत पूछ॥

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.

3 thoughts on “दिल में क्यूं है इतना मलाल मत पूछ…

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    बढ़िया गज़ल

    • सतीश बंसल

      शुक्रिया अद. विभा जी..

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    बढ़िया गज़ल

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