उत्सव
हमारे हृदय का प्रेम ही इन पाँखुरियों में बसता है मधु बनकर छलकता अंदर सुगंध बनकर महकता है… कहीं सरसों
Read More“चइता- गीत सखी मन साधि पुरइबे हो रामा, चइत पिया अइहें ननद जेठानी के ताना मेंहणा नाहीं पिया भेद
Read Moreअच्छा हार मान ली हमने लो तुम ही जीते. किसी तरह से मनमुटाव के दिन तो अब बीते. किसने क्या
Read Moreन किसी के अभाव भाव में जियों, न किसी के प्रभाव में जियो, ज़िन्दगी में जीना है तो, बस
Read Moreमुझे प्रेम नहीं करना था तुमसे प्रेम सीमित कर देता था अधिकार तुम पर.. लज्जा से बना देता था लचीला
Read Moreसुरिंदर की सगाई सतपाल से हो गई थी। सतपाल अच्छा लड़का था लेकिन उस का डैडी मगरूर किसम का आदमी
Read Moreविगत दिनों देश की राजनीति में कुछ ऐसी बयानबाजी हो रही है जिसके कारण अब कांग्रेस बेनकाब होती जा रही
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