गीतिका/ग़ज़ल

पंख कतर आया था…….

तोड़ कर अपने वो दुश्मन की कमर आया था
सुर्खरू होके ज़माने को नज़र आया था

वो परिंदा अभी उड़ने की बहुत सोचता है
जब कि सय्याद सभी पंख कतर आया था

खूब ताकत वो दिखाता है जहाँ को अपनी
छोड़कर अपना वो मैदा में जो घर आया था

हौसलों से जो लड़ी जंग जताई हिम्मत
वो इरादों से ढहा खूब कहर आया था

सोच में डूबते रहकर भी किया क्या हासिल
बाजियां यूं भी कई जीत अगर आया था

“दिनेश”

दिनेश दवे

नाम : दिनेश दवे पिता का नाम :श्री बालकृष्ण दवे शैक्षणिक योग्यता : बी . ई . मैकेनिकल ,एम .बी.ए. लेखन : विगत चार पांच वर्ष से , साँझा प्रकाशन पता : दिनेश दवे , केमिकल स्टाफ कॉलोनी ,बिरलाग्राम, नागदा जिला उज्जैन ..456331..मध्य प्रदेश