गीत : कायर दिल्ली वालों को
(दिल्ली में बांग्लादेशी मुसलमानों की भीड़ द्वारा मारे गए बेकसूर डॉ पंकज नारंग की घटना पर सभी को जगाने का
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Read Moreओ३म् मनुष्य जन्म व मरण धर्मा है परन्तु मनुष्य शरीर में निवास करने वाला जीवात्मा अजन्मा व अमर है। जीवात्मा
Read Moreकुलवंत की बुआ की लड़की की शादी कैसे हुई , मुझ को और फुफड़ को कुछ नहीं पता क्योंकि सारी
Read Moreबिना रीढ़ की हड्डी के किसी आदमी जैसी होती है कट्टरता के बिना देशभक्ति ही कैसी होती है गंगा-जमनी तहजीबों
Read Moreचलाना एक सफल अभियान, बचा लेना पेड़ों के प्राण । दिनों दिन कटते जाते पेड़ , सूखती जाती हरियाली। नदी
Read Moreअपनी उम्र के कुछ बूढ़े — पक्के बाल से , कमर झुकी सी , शब्द कंपकपाते हुऐ से , इस
Read Moreरोज-रोज, सुबह ही सुबह, जोर-जोर से बाँग देकर पुरे गाँव को जगाने वाला मुर्ग़ा दो दिन से न दिखाई
Read Moreहाकलि मुक्तक छ्न्द [४+४+४+२] फागुन माया छाया है रंगों ने भर माया है घर अरु आँगन गाता क्यों होली कंचन
Read Moreओ३म् आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान विशिष्ट ज्ञान को कहते हैं। विज्ञान ज्ञान की वह विधा है
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