कविता

“हाइकू”

नाम भकोल
दुलहा बकलोल
घोड़ी चढ़ा है॥-1
धनी है बाप
खूब सजी दुकान
झूमें बाराती॥– 2
कन्या की शादी
वारीश की मुनादी
आई बारात॥ -3
सुहागिन है
वर बड़ भाग्य है
ले सात फेरा॥ -4
शहनाई है
कुल से विदाई है
शादी बारात॥ -5
महातम मिश्र (गौतम)

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ

2 thoughts on ““हाइकू”

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    शुभ प्रभात
    बढियाँ हाइकु
    1916 से 2016 हाइकु शताब्दी वर्ष है
    रविवार 4 दिसम्बर हाइकु दिवस आयोजन में शामिल होने के इच्छुक हों तो
    vrani.shrivastava@gmail.com सम्पर्क करें

    सादर

    • महातम मिश्र

      सादर धन्यवाद आदरणीया जी, यह मेरा सौभाग्य है कि आप ने मुझे इस योग्य समझा महोदया, यह कहाँ पर आयोजित किया जायेगा, मुझे क्या करना होगा, कृपया मार्गदर्शन करें सादर

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