कविता

माँ की आराधना

पावन दिन है नया वर्ष है माँ आँगन में आई है
पावन से इस महापर्व की सबको आज बधाई है

नौ दिन तक अब भक्ति होगी आदि शक्ति महाकाली की
घर घर से आवाज है निकली जय हो शेरावाली की

हम हिन्दू है नया वर्ष भी आज के दिन ही आता है
अपने धर्म और संस्कृती की भव्य सी झलक दिखाता है

हे अरदास यही माँ से हे माँ सबका कल्याण करो
अपनी दिव्य दृष्टि फैलाओ सब पे अपना ध्यान धरो

शिक्षाओं के मंदिर पर भी थोड़ा अपना ध्यान धरो
देशद्रोह के जाल बिछाये उनका तुम संहार करो

दीन किसान का ख्याल करो जो मौत के गले लगाते हैं
बिन पानी के कारण नित ही अपनी फसल गंवाते हैं

सीमा पर नित लाशें गिरती जिनका कोई दोष नहीं
संहार करो माँ उनका जिनको देश प्रेम का मोह नही

अपना भारत स्वच्छ बने ख्याति फैले सारे जग में
देशभक्ति की ज्योत जले भारत के करोडो लोगो में

मन स्वस्थ रहे तन स्वस्थ रहे बस हाथ सदा सबके सर हो
उल्लास हो सबके जीवन में खुशियाँ ढ़ेरों हर घर में हो

पुरुषोत्तम जाजु

पुरुषोत्तम जाजू

पुरुषोत्तम जाजु c/304,गार्डन कोर्ट अमृत वाणी रोड भायंदर (वेस्ट)जिला _ठाणे महाराष्ट्र मोबाइल 9321426507 सम्प्रति =स्वतंत्र लेखन