कविता

कॉर्डों की महारानी- मनजीत

कोई है किसी के मन की रानी,
कोई है किसी के महलों की रानी,
कोई है किसी के अधरों की रानी,
आप हैं मनजीत जी, कॉर्डों की महारानी.
रोज़ सुबह गुड मॉर्निंग के जितने कॉर्ड मिलते हैं, भेजती हो,
एक-से-एक चमकदार जितने कॉर्ड मिलते हैं, भेजती हो,
कभी नील परी, कभी गुलाबी परी के जितने कॉर्ड मिलते हैं, भेजती हो,
कभी थैंक यू, कभी गुड नाईट के जितने कॉर्ड मिलते हैं, भेजती हो.
अपने अनमोल समय में से हमारे लिए कितना समय निकालती हो,
कभी कामेंट्स, कभी ई. मेल., कभी कॉर्ड के बहाने मिलती हो,
मेरी फोटो देखकर कुलवंत जी को भी मेरी बहिन लगती हो,
सगी बहिन से भी अधिक प्यार देकर बहुत खुशनुमा तस्वीर-सी दिखती हो.
हमारे ब्लॉग की हमसे भी अधिक चिंता आप करती हो,
ज़रा-सा समय मिलते ही ब्लॉग पर तुरंत सुरीली दस्तक देती हो,
हमारे घर किसी का भी जन्मदिन या शादी की सालगिरह हो,
हमें अनगिनत जन्मदिन कॉर्ड्स का उपहार बहुत प्रेम से देती हो.
रेडियो पर कोयल-सी चहकती हो,
जय-विजय में ब्लॉग्स पर फूलों-सी लहकती हो,
गुरुद्वारे का मंच आपके गायन की प्रतीक्षा करता है,
सारा दिन दूसरों के कल्याण हेतु जीवन व्यतीत करती हो.
दुआ है सदैव खुशियों से आपका जीवन फले-फूले भरपूर रहे,
कष्ट-बाधाएं-कांटे आपके दामन से कोसों-कोसों दूर रहें,
चमकती परियां और महकते सुमन हवाओं के साथ विनम्रता का संदेशा लाएं,
आपके लिए हमारी शुभकामनाएं हैं, कि प्रिय सखी मनजीत कौर जी मशहूर रहें.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

8 thoughts on “कॉर्डों की महारानी- मनजीत

  • मनजीत कौर

    आदरणीय प्रिय सखी जी आप का प्यार और आशीर्वाद मेरे लिए अनमोल है मैं खुशकिस्मत हूँ की मुझे आप जैसी प्यारी सखी का प्यार मिला | मेरे कार्ड्स आप के चहरे पर जो मुस्कान लाते है इससे मुझे बहुत ख़ुशी मिलती है । पर देखिये न मेरे इस छोटे से कार्य के बदले मुझेआप से सौगुना ज्यादा प्यार मिलता है ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है| मुझे इतना प्यार,अपना अनमोल आशीर्वाद, दुआएं और शुभकामनाएं देने के लिए आप का दिल की गहराईओं से शुक्रिया जी |

    • लीला तिवानी

      प्रिय सखी मनजीत जी,

      दोस्ती में न बदला होता है न लेन-देन,

      जहां बदला और लेन-देन शुरु होता है,

      वहां होता है व्यापार का प्रारंभ दोस्ती का समापन.

      आपको कविता और भाव पसंद आए, ज़हेकिस्मत.

      • मनजीत कौर

        प्रिय सखी जी बहुत सुन्दर और सच्ची बात कही आप ने , आप से हमने बहुत कुछ सीखा है और सीख रहे है और बेशुमार प्यार भी पा रहे है और आशा करते हैं की हमारी ये दोस्ती हमेशा यूँ ही कायम रहेगी ।शुक्रिया जी |

  • मनमोहन कुमार आर्य

    नमस्ते बहिन जी। आपकी रचना अच्छी लगी। पढ़कर शब्द वा वाक्य रचना रस व पवित्र भावनाओं का रसानंद लिया। यह बहुत कठिन कार्य आपने सहजता से किया है। प्रसंशनीय रचना के लिए हार्दिक धन्यवाद। /

    • लीला तिवानी

      प्रिय मनमोहन भाई जी, जब मन में भाव घुमड़ते हों, तो कुछ भी करना मुश्किल नहीं होता. आपने शब्द वा वाक्य रचना रस व पवित्र भावनाओं का रसानंद लिया, यह हमारे लिए खुशी की बात है. सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

    • लीला तिवानी

      प्रिय मनमोहन भाई जी, जब मन में भाव घुमड़ते हों, तो कुछ भी करना मुश्किल नहीं होता. आपने शब्द वा वाक्य रचना रस व पवित्र भावनाओं का रसानंद लिया, यह हमारे लिए खुशी की बात है. सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

  • लीला बहन , मंजीत वाकई वोह है जो आप ने कविता में लिखा है . बहुत अछे दिल की है वोह . कुलवंत और मंजीत की उम्र का भले ही बहुत अन्तर हो लेकिन रोज़ाना के विवहार में वोह हमउमर हैं . कार्डों की महारानी तो उन के लिए आप ने सही शब्द ही लिखा है .इस मामले में मैं तो बहुत सुस्त हूँ लेकिन जब कभी मंजीत का ईकार्ड आ जाता है तो फिर तो हिमत करनी ही पड़ती है . आज तो मंजीत बहुत खुश होगी किओंकि आप का इतना अच्छा उपहार पा कर कौन खुश नहीं होगा .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, सचमुच रोज़ इतने सुंदर-सुंदर कॉर्ड भेजना कमाल का काम है. हम तो यही चाहते हैं, कि सब खुश रहें. सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

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