कविता

तुमसे है

जब तू पास होती है, मानो सारी दुनिया साथ होती है
तेरे चले जाने के डर से, मेरी ये आंखें सारी रात रोती हैं
जब तू मेरी खातिर सारी दुनिया छोड़ने की बात करती है
तब तुझमें ही मुझे मेरी दुनिया दिखती है
तू जाने या न जाने पर तेरी हर इक याद की शुरुआत मुझसे है
मेरी दोस्ती, मेरी आवारगी, मेरी हर आस तुमसे है,

जब तेरी यादों की तन्हाई से डरता हूं
तब तेरी परछांई का पीछा किया करता हूं
जब तेरे साथ बिताये वो पल, याद करता हूं
तब रब से बस यही फरियाद किया करता हूं
लेले तू सारे गम उसके और देदे खुशियाँ ज्यादा सबसे
मेरी हर तर्ज, मेरी हर शायरी, मेरी आशिकी है तुमसे,

तेरे बिना किसको चाहूँ, मेरे दिल की डायरी तुम हो
तेरे सिवा किसको सोचूँ, मेरी हर इक शायरी तुम हो
मेरे जीने की वज़ह तुम हो, मेरे लिये हर इक जगह तुम हो
मेरी हर ख्वाहिश तुम हो, मेरी हर दुआ तुम हो
तेरे बिना हर सज़ा, मेरी हर इक मन्नत तुमसे है
मेरी पहचान, मेरी जिंदगी, मेरी जन्नत तुमसे है,

तू न जाने तुझे मैं कितना चाहता हूं, तेरे लिये हर रोज जीता-मरता हूं
सबकुछ भूलकर बस तेरी तारीफें, सबसे किया करता हूं
ग़र देना पड़े मुझे कभी, मेरे प्यार का इम्तेहान
तो कर दूं मेरी जाना, ये जान भी तुझ पर कुर्बान
मुझे इस वक्त का इंतज़ार कबसे है
मेरी बंदगी, मेरी हर इक जिंदगी, मेरी हर इक सांस तुमसे और सिर्फ़ तुमसे है ।

दयाल कुशवाह

पता-ज्ञानखेडा, टनकपुर- 262309 जिला-चंपावन, राज्य-उत्तराखंड संपर्क-9084824513 ईमेल आईडी-dndyl.kushwaha@gmail.com