लेख

प्यार क्या है ?

मैं शब्दो के जरिए संझेप में कहना चाहूँगा कि ऐसा कोई भी समाज नहीं जहाँ प्यार न हो, दुनिया में कोई7521615-Cute-older-sister-giving-a-kiss-to-her-brother-Stock-Photo-baby ऐसी जगह नहीं जहाँ प्यार न हो. प्यार का मतलब केवल प्रेमी-प्रेमिकाओं या पति-पत्नी से नहीं, बल्कि हर उस चीज से है जिसे आप पसंद करतें हों, जिससे आपको खुशी मिलती हों.  एक मां अपने बेटे या बेटी के लिये मिठाई का सबसे अच्छा टुकड़ा छुपाकर रख देती है एक पिता जो अपने बच्चे के लिये खिलौने खरीदकर लाता है, इसे प्यार कहते हैं।

बहन रक्षाबंधन का बड़े बेसब्री से इंतजार करती है एक भाई जब कहीं से आता है तो सोचता है कि ऐसा क्या ले जाऊँ जो मेरी बहन को खुशी मिलें। यहां पर एक छोटी सी बात याद आ रही है कि “बहन ने अपने भाई से पूछा कि भाई प्यार क्या होता है? तब भाई ने बहुत सुंदर जबाव दिया कि तू मेरी जेब से रोज चाॅकलेट निकाल लेती है और मुझे ये पता है पर फिर भी मैं चाॅकलेट वहीं रखता हूँ.  इसे ही प्यार कहते हैं”

अगर किसी वक्त आप तन्हा रहना चाहते हों किसी से बात न करना चाहते हो तो आपका साथी इस बात को समझे और आपको अकेला छोड़ दे, आपकी सीमाओं को समझें और कभी इस सीमा को  पार न करे, और आपकी जरूरत को समझे.  मैं वो दिन कभी नहीं भूलूंगा जब हम दोस्तों ने मसूरी जाने का प्रोग्राम बनाया, हम करीब दस लोग थे उस प्रोग्राम में, सब कुछ तय हो गया था जाने के दिन से लेकर आने तक की सारी तैयारियाँ हो गयीं थीं। फिर जाने का दिन आया सब लोग आ गये पर किसी कारणवश मैं नहीं आ पाया तब मुझे फोन किया गया और मुझे आने को कहा तब मैने मना कर दिया और अपने दोस्तों से कहा की वे लोग मसूरी चले जाये। फिर उन लोगों ने बारी-बारी से मुझे खूब सुनाई पर उन्होंने जाने का प्रोग्राम रद्द कर दिया और कहा अगर तू नहीं आयेगा तब हम भी नहीं जायेंगें” इसे भी दोस्तों का एक दोस्त के प्रति प्यार कह सकते हैं।

प्यार होने पर किसी को बताने की जरूरत नहीं होती या उसे यादगार बनाने के लिये उपहार देने की जरूरत नहीं होती प्यार की यादगार तो वो नोकझोक भरे पल होते हैं जो आपने साथ बिताये हैं।

प्यार जरूरी नहीं  कि बेटे-बेटियों, मम्मी-पापा प्रेमी-प्रेमिका, रिश्तेदारों,या किसी इंसान से ही हो, जब आप आॅफिस जाने से गुलाब के पौधे को पानी देना नहीं भूलते, बारिश होने पर खिड़की के पास जाकर उसे निहारते रहते है या हाथ बाहर निकालकर उसकी बूंदों को महसूस करते हैं या फिर बाहर जाकर बारिश में जमकर भीगते हैं, चिड़ियों के लिये छतपर दाना-पानी रखते है तथा कभी प्रकृति के बहुत करीब जाकर उसमें खो जाते हैं इसे प्यार कहते हैं।

एक फौजी चार घंटे लगातार अडिग खड़ा रहता है फिर चाहे गर्मी हो या सर्दी या फिर जोरदार बारिश वह अपने बीबी-बच्चो, माॅ-बाप तथा सभी सुख-सुविधा छोड़ देता है ताकी कोई घुसपैठिया उसके देश को नुकसान न पहुँचा सके अतः वह अपने देश से प्यार करता है।

 

दयाल कुशवाह

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