बाल कविता

पानी जीवनदाता है

पानी जीवनदाता है
खेती खूब कराता है
पानी पी हम प्यास बुझाते
पानी से बर्तन मंजवाते
कपड़े धोते पानी से
खूब नहाते पानी से
पानी से घर को धुलवाते
आग बुझाते पानी से.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

4 thoughts on “पानी जीवनदाता है

  • मनमोहन कुमार आर्य

    बहुत सूंदर भावनाएं जल के प्रति। हार्दिक बधाई बहिन जी।

    • लीला तिवानी

      प्रिय मनमोहन भाई जी, अति सुंदर व सार्थक टिप्पणी के लिए आभार.

  • पानी के बगैर तो हम जी नहीं सकते ,कहाँ कहाँ पानी की जरुरत पड़ती है, हम गिन ही नहीं सकते . इस लिए पानी को अमृत समझ कर इस को जाया नहीं करना चाहिए .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, अति सुंदर व सार्थक कविता के लिए आभार.

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