कविता

नारी

इस देश की आन बान शान है नारी
कुछ बुलबुलो के लम्हों की बरसात है नारी
नारी रूप मे दुर्गा काली सरस्वती पुजाती
लक्ष्मी की अवतार है, सरस्वती की साथ है नारी
नारी स्वरूप मे माँ, हर लोक मे पुजाती
जगत को जन्म देने वाली-जगत का पालनहार है नारी
ममता की ख़ान है अद्भुत दयावान है
सहन शक्ति और धर्म धनी, घर मंदिर की मुर्ती है नारी
सत्य हे नारी न्यारी हो तुम कर्तव्य परायण प्यारी हो तुम
संपूर्ण ब्रह्मांड से नारी हो तुम
धन्य धन्य हे नारी हो तुम

— बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।