उपन्यास अंश

अधूरी कहानी: अध्याय-20: एन्वल फंगशन

समीर को अपने पापा की वजह से कुछ दिन काॅलेज से छुट्टी लेनी पड़ी छुट्टी खत्म होने के बाद जब समीर काॅलेज गया औब पता चला कि काॅलेज की ऐनीवर्सरी आने वाली है सब लोग इसी की बातें कर रहे थे तभी श्याम बोला एन्वल फंगशन पर हर साल कोई गेम प्ले करते है इस बार देखो क्या नया होगा?
अचानक ओडोटोरियम की वेल बजी सब लोग ओडोटोरियम की तरफ जाने लगे ।
ओडोटोरियम में सब स्टूडेन्ट आ चुके थे तभी प्रिन्सिपल स्टेज पर आये और बोले मेरे प्यारे स्टूडेन्टस् सभी को सूचित किया जाता है कि 15 जुलाई को काॅलेज में एन्वल फंगशन है और जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि हम हर साल एन्वल फंगशन के उपलक्ष्य में एक गेम क्रियेट करते है और जीतने वाले को उचित उपहार दिया जाता है तभी स्टूडेन्टस् तालियाँ बजाने लगे और चिल्लाने लगे कि सर इस बार कौन सा गेम होगा? तब प्रिंसिपल फिर बोले और कहा कि इस बार एक बाईक रेस होगी और जीतने वाले को एक बाईक उपहार स्वरूप दी जायेगी।
और जो इसमें भाग लेना चाहता है वह अपनी नाम अपने क्लास टीचर को दे दे और फिर वेल बजी तब सब स्टूडेन्टस अप क्लासेज में चले गये।
क्लास रूम में टीचर आये और बोले कौन-कौन बाईक रेस में हिस्सा लेना चाहता है तब एकदम से रेनुका खड़ी होकर बोली सर समीर तब समीर ने भी हामी भर दी समीर के दोस्त बोले समीर ये रेनुका की कोई चाल भी हो सकती है तब समीर बोला होने दो यारो देखते है कि रेनुका कस हद तक जाती है फिर क्या समीर के दोस्तों ने भी अपने नाम दे दिये जब समीर ने पूछा तुम भी तब उसके दोस्त बोले हमें तेरे साथ आना ही पड़ेगा हम तुझे अकेला नहीं छोड़ सकते तब समीर बोला आओ यारो शौक से आओ बड़ा मजा आयेगा।

दयाल कुशवाह

पता-ज्ञानखेडा, टनकपुर- 262309 जिला-चंपावन, राज्य-उत्तराखंड संपर्क-9084824513 ईमेल आईडी-dndyl.kushwaha@gmail.com