चार लघुकथाएं
तिलक पुरूषोत्तमजी बोले, ‘‘संध्या तो आपकी बेटी समान है, परसों हम लड़के वालों के यहां तिलक का दस्तूर लेकर जा
Read Moreतिलक पुरूषोत्तमजी बोले, ‘‘संध्या तो आपकी बेटी समान है, परसों हम लड़के वालों के यहां तिलक का दस्तूर लेकर जा
Read Moreनई शिक्षा नीति के लिए मेरे निम्नलिखित सुझाव हैं — • मातृभाषा – प्राथमिक शिक्षा किसी भी स्थिति में अनिवार्यरूप
Read Moreगंगा माँ की धार है, जीवन का आधार दोनों बूढ़े हो गए, मैं मेरी पतवार मैं मेरी पतवार, सुबह से
Read Moreओ३म् –गुरुकुल पौंधा देहरादून में सामवेद परायण यज्ञ एवं सत्यार्थप्रकाश स्वाध्याय शिविर जारी- श्रीमद् दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल पौन्धा, देहरादून
Read Moreअच्छा लगता है यहां आम आदमी इतने हैं मैं इनके बीच खो जाता हूं इतनी भीड़ में अकेला, अनजाना यूं
Read Moreमुझे भी कुछ ज्ञान है मौन की प्रकृति का, वो होता है लक्षण स्वीकृति का ! सदियों से लोग कहते
Read Moreपीएम मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने अपना दो वर्ष का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करा लिया है। भारतीय जनता
Read Moreव्यक्ति का जमीनी वास्तविकता से पाला तब पड़ता है जब वह सामाजिक जीवन में भागीदारी सुनिश्चित करता है। व्यवसाय और
Read Moreप्रिय बच्चो, मेरी धरती, मैं संवारूं, आज हम आपके लिए एक नया स्लोगन लेकर आए हैं. आप जानते ही हैं,
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