जब खुद से मानव जुड़े, तब मिलता इंसान
ईद दीप नेकी खिले, जब हँसता इंसान
जब हँसता इंसान, ताकत तन बढ़ जाती
गले गला पहनाय, रोशनी मन छा जाती
कह गौतम सुखआय, धरो जनजन जीय जानव
नित्य रोज त्यौहार, मनाओ बनकर मानव।।
शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज
जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन
जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र.
हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ