अन्य बाल साहित्य

पहेलियाँ – 4

(1)
चपटी-चपटी, वृत्ताकार
इसमें ही सारा संसार
जिन-जिन को यह मिलती नित्य
कहता भगवन को आभार

उत्तर – रोटी

(2)
बीत गया था इसका टाइम
बना अचानक फिर से प्राइम
“मिर्ची” ने सब मदद दिलायी
किया न इसने कोई क्राइम

उत्तर – रेडियो

(3)
दाल-भात का पक्का दोस्त
रोटी का भी यार
कभी अकेला भी आ जाए
जीभ भरे चटखार

उत्तर – अचार

(4)
घर से उसे उठाया मैंने
चाकू से कटवाया मैंने
इतने से भी नहीं भरा मन
तो कच्चा ही खाया मैंने

उ्त्तर – खीरा

(5)
ये कैसा जादू का खेल?
मिला जहाँ नींबू का मेल
फाड़ तरल को निकला ठोस
स्वाद कराए रेलमपेल

उत्तर – पनीर

*कुमार गौरव अजीतेन्दु

शिक्षा - स्नातक, कार्यक्षेत्र - स्वतंत्र लेखन, साहित्य लिखने-पढने में रुचि, एक एकल हाइकु संकलन "मुक्त उड़ान", चार संयुक्त कविता संकलन "पावनी, त्रिसुगंधि, काव्यशाला व काव्यसुगंध" तथा एक संयुक्त लघुकथा संकलन "सृजन सागर" प्रकाशित, इसके अलावा नियमित रूप से विभिन्न प्रिंट और अंतरजाल पत्र-पत्रिकाओंपर रचनाओं का प्रकाशन