गीत/नवगीतपद्य साहित्य

आज़ादी कैसे मनाएँ

हम अपनी आज़ादी का जश्न, बोलो अब कैसे मनाएँ
अमर शहीदों के बलिदान की, गाथा किसको सुनाएँ ?

भूखे रहे, गोली खाए वे, लड़ते लड़ते सब शहीद हुए
मजबूत आंग्ल डंडा भी, हौसला वीरों का तोड़ न पाये |
गोरे अंग्रेज तो चले गए, काले अंग्रेज को कौन भगाएँ
हम अपनी आज़ादी का जश्न, बोलो अब कैसे मनाएँ
अमर शहीदों के बलिदान की, गाथा किसको सुनाएँ ?

जालियाँवाला बाग़ को देखा, देखा नोआखाली के दंगे
साजिश थी सब विदेशी राज की, जात के थे वे फिरंगे
दलित-मुस्लिम पर क्रूरता कर, चरम पंथी कैसे इतराएँ
हम अपनी आज़ादी का जश्न, बोलो अब कैसे मनाएँ
अमर शहीदों के बलिदान की, गाथा किसको सुनाएँ ?

हर चौथा आदमी भूखा है, करोडपति संसद में बैठे है
हर चौथा सांसद पर, भ्रष्टाचार का संगीन आरोप है
निराशा में डूबे देश में, आशा की ज्योति कौन जलाएँ
हम अपनी आज़ादी का जश्न, बोलो अब कैसे मनाएँ
अमर शहीदों के बलिदान की, गाथा किसको सुनाएँ ?

हर पार्टी है निजी कम्पनी, अध्यक्ष का है मालिकाना हक़
कभी बाप, कभी बेटा, बीबी कभी, खानदान है अधिग्राहक
कम्पनी संभाले या देश संभाले, कौन इनको बतलाएँ
हम अपनी आज़ादी का जश्न, बोलो अब कैसे मनाएँ
अमर शहीदों के बलिदान की, गाथा किसको सुनाएँ ?

हमारा देश अव्वल है, विश्व के सब देशों की सूचि में
किन्तु खेद है, अव्वल है यह, भ्रष्ट देशों की सूचि में
खेल ना जाने खेल के अध्यक्ष, मशाल कैसे जलाएँ
हम अपनी आज़ादी का जश्न, बोलो अब कैसे मनाएँ
अमर शहीदों के बलिदान की, गाथा किसको सुनाएँ ?

गरीब को नहीं भरपेट भोजन, सड़ता है सब खाद्यान्न
करोड़ों टन की होती बर्बादी, है यह अकुशल प्रबंधन
भूख और कुपोषण के शिकार, किसके आगे गिढ़गिढ़ायें
हम अपनी आज़ादी का जश्न, बोलो अब कैसे मनाएँ
अमर शहीदों के बलिदान की, गाथा किसको सुनाएँ ?

© कालीपद ‘प्रसाद’

*कालीपद प्रसाद

जन्म ८ जुलाई १९४७ ,स्थान खुलना शिक्षा:– स्कूल :शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ,धर्मजयगड ,जिला रायगढ़, (छ .गढ़) l कालेज :(स्नातक ) –क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भोपाल ,( म,प्र.) एम .एस .सी (गणित )– जबलपुर विश्वविद्यालय,( म,प्र.) एम ए (अर्थ शास्त्र ) – गडवाल विश्वविद्यालय .श्रीनगर (उ.खण्ड) कार्यक्षेत्र - राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कालेज ( आर .आई .एम ,सी ) देहरादून में अध्यापन | तत पश्चात केन्द्रीय विद्यालय संगठन में प्राचार्य के रूप में 18 वर्ष तक सेवारत रहा | प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुआ | रचनात्मक कार्य : शैक्षणिक लेख केंद्रीय विद्यालय संगठन के पत्रिका में प्रकाशित हुए | २. “ Value Based Education” नाम से पुस्तक २००० में प्रकाशित हुई | कविता संग्रह का प्रथम संस्करण “काव्य सौरभ“ दिसम्बर २०१४ में प्रकाशित हुआ l "अँधेरे से उजाले की ओर " २०१६ प्रकाशित हुआ है | एक और कविता संग्रह ,एक उपन्यास प्रकाशन के लिए तैयार है !