कविता

कविता : बहन की चिट्टी भाई के नाम

माँ का आँचल पिता की बाहें,
और तुम्हारी गोद भैया।
इन्ही सहारों की ताकत से,
सीखा चलना धरा पर भैया।

प्रेम और विश्वास की डोर से,
हम दोनों को माँ ने बाँध दिया।
अनमोल अटूट धागे से पिरोकर,
आजीवन रिश्ते से सजाया भैया।

दिल से बंधा यह रिश्ता,
दिल की भाषा ही समझता है।
आये किसी एक पर आँच,
तो दूजा रो पड़ता है भैया।

सख्त आवरण तले तुझमें,
छुपा निर्मल प्रेम महसूस किया।
लिए जज्बा सुरक्षा का मेरे,
रक्षाकवच बने तुम्ही भैया।

इस रिश्ते की गहराई को,
कोई समझ नहीं सकता है।
जुड़े लाल रंग के धागे से (खून)
कोई तोड़ नहीं सकता भैया।

राखी तो महज एक रश्म है,
त्योंहार समझ मना लेते हैं।
इस रिश्ते का कोई मोल नहीं,
अनमोल खजाना है भैया।

लेन देन की विभत्स परिस्थिति,
सामाजिक कुरीति अब बन गयी है।
पवित्र निःस्वार्थ प्रेम को बलि,
नहीं कभी चढ़ने देना भैया।

लंबी और खुशहाल जिंदगी की,
दुआ हर बहना करती है।
तुम्हारे साथ जिंदगी शुरू हुई थी,
अंत तक साथ निभाना भैया।।

सुचिसंदीप, तिनसुकिया

सुचि संदीप

नाम- सुचिता अग्रवाल "सुचिसंदीप" जन्मदिन एवम् जन्मस्थान- 26 नवम्बर 1969, सुजानगढ़ (राजस्थान) पिता-स्वर्गीय शंकर लालजी ढोलासिया माता- स्वर्गीय चंदा देवी पति का नाम- श्री संदीप अग्रवाल पुत्र- रौनक अग्रवाल पुत्रियाँ-आँचल एवम यशस्वी परिचय- मैं असम प्रदेश के तिनसुकिया शहर में रहती हूँ। साहित्य संगम संस्थान", "जिज्ञासा काव्य मंच", महिला काव्य मंच, अग्रवाल रचनाकार, अदबी संगम जैसी प्रतिष्ठित शाखाओं से जुडी हुई हूँ। हिन्दी की अनेक विधाओं में कविता , गीत,भजन,दोहे, छन्द, गजल,लघुकथा आदि लिखने में रूचि रखती हूँ। "साहित्य संगम" की वंदनाधिक्षिका, 'सवेरा ई पत्रिका' की पूर्वोत्तर सम्पादिका ,संगम सुवास नारी मंच की प्रधान सेविका पद पर तथा साहित्य संगम पूर्वोत्तर शाखा की सचिव तथा महिला काव्य मंच तिनसुकिया के अध्यक्ष पद पर रहते हुए साहित्य सेवा से जुडी हुई हूँ। सम्मान पत्र- साहित्य संगम द्वारा दैनिक श्रेष्ठ रचनाकार, टिप्पणीकार, गजल गुंजन सम्मान, दैनिक श्रेष्ठ छन्द सम्मान, ऑनलाइन काव्य पाठ, साहित्य अभ्युदय, वंदे मात्रम,समीक्षाधीश,आदि सम्मान प्राप्त हुए तथा जिज्ञासा काव्य मंच द्वारा साहित्य रत्न सम्मान प्राप्त हुआ। प्रकाशित पुस्तकें- मेरे प्रथम काव्य संग्रह का नाम "दर्पण" है । दूसरा काव्य संग्रह "साहित्य मेध" तथा तीसरा काव्य संग्रह " मन की बात " है। कई पत्रिकाओं जैसे भाव स्पंदन,संगम संकल्पना,अविचल प्रवाह, साहित्य त्रिवेणी , एक पृष्ठ मेरा भी, काव्य रंगोली, साहित्यायन, साहित्य धरोहर ई पत्रिका , सवेरा ई पत्रिका,संगम समागम,समीक्षा सुधा, अविचल प्रवाह, आदित्य योगी जी पर मन की बात,गजल गुँजन आदि साझा पुस्तकों में रचनाएं प्रकाशित हुई है। साहित्य संगम संस्थान की नारी शाखा 'संगम सुवास नारी मंच' की पेशकश साझा उपन्यास "बरनाली" का प्रबंध सम्पादन करने का सुअवसर मुझे प्राप्त हुआ। ईमेल- suchisandeep2010@gmail.com