गीत/नवगीत

लिखती तुझे मनमीत है

तेरे लिए ये गीत है ।
लिखती तुझे मन मीत है ।

बस प्रेम की आहें सुनी।
राहे कठिन ये क्यों चुनी ।
रास्ते बडे हैं सांकरे ।
दोनों हुए हैं बावरे ।
देखा न गर्मी शीत है ।
लिखती तुझे मनमीत है ।

सुन आज मेरी बात को ।
भूलो न काली रात को ।
काली रही वो नाम की ।
थी प्रेम के पैगाम की ।
कैसी अजब ये रीत है ।
लिखती तुझे मनमीत है ।

धड़के जिया बस नाम से ।
दिन रैन है अब श्याम से ।
चलती कलम कहती यही ।
दुनिया गलत तू ही सही ।
मेरी तुझी से प्रीत है ।
लिखती तुझे मनमीत है ।

हर राह तेरे साथ हो।
हाथों में तेरा हाथ हो।
पायल बजे रुनझुन यहाँ ।
साजन गए हो तुम कहाँ ।
तुझसे बना संगीत है ।
लिखती तुझे मनमीत है ।

अनुपमा दीक्षित मयंक

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - adixit973@gmail.com