भजन/भावगीत

कृष्ण भजन

-: निशदिन मोहन:-
निशदिन मोहन तुझको ही पुकारूं
सांझ सवेरे तेरा रस्ता निहारूं
सांवरी सूरत पे जाऊं बलिहारी
हारी रे बिहारी अपना दिल भी मै हारी
ये दिल और जान तुझपे वारूं
निशदिन मोहन……..
कब ते निहारूं तेरी मोहनी मूरत
आजा रे कन्हैय मुझे तेरी जरूरत
तेरी हर अदा लगती है सुहानी
बनी रे दीवानी मैं तो तेरी दीवानी
तेरी यादों में खो के सब कुछ भूलाऊं
निशदिन मोहन……..
चोरी से गोपियों का माखन खाया
गोपियों के संग तूने रास रचाया
हाथों से अपने तुझे माखन खिलाऊं
तेरी मुरली की धुन पे मैं भी नच जाऊं
भोग लगाऊं तेरी आरती उतारूं
निशदिन मोहन……..
हर पल मुझे तेरी याद सतावे
तेरे सिवा दूजा कोई ना भावे
जल्दी से अब ए मुरली वाले
इतना भी मुझे अब ना तरसा रे
पल-पल बस तेरा नाम उचारूँ
निशदिन मोहन……..

नीतू शर्मा 'मधुजा'

नाम-नीतू शर्मा पिता-श्यामसुन्दर शर्मा जन्म दिनांक- 02-07-1992 शिक्षा-एम ए संस्कृत, बी एड. स्थान-जैतारण (पाली) राजस्थान संपर्क- neetusharma.prasi@gmail.com

3 thoughts on “कृष्ण भजन

  • राजकुमार कांदु

    अति सुन्दर भजन के लिए आभार !

  • लीला तिवानी

    प्रिय सखी नीतू जी, अति सुंदर. एक भावपूर्ण, सटीक एवं सार्थक रचना के लिए आभार.

    • नीतू शर्मा

      प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार आदरणीया लीला जी

Comments are closed.