भजन/भावगीत

•भजन•वो अपना बांके बिहारी…

•भजन•

नंद जी के नंदन का,
अवसर है अभिनंदन का,
गा भजन अब वंदन का,
टीका कर ले चंदन का,
फिर आयेगा रे गिरधारी,
वो अपना बांके बिहारी|

है हृदय ठकुरानी राधा,
मुरली बिन घनश्याम आधा,
तन सुंदर पितांबर ओढ़े,
लहराए जब आंगन दौड़े,
जिसकी काया कारी-कारी,
वो अपना बांके बिहारी|

नटखट माक्खन चोर निराला,
आज मचा है शोर निराला,
बृजधाम गोकुल मथुरा,
जग का हर कोना अधुरा,
जिसके पीछे राधा हारी,
वो अपना बांके बिहारी|

– कवि/गीतकार योगेन्द्र जीनगर “यश”,राजसमंद, राजस्थान

योगेन्द्र जीनगर

मेरा नाम योगेन्द्र जीनगर "यश" S/o सुंदर लाल जीनगर है| मैं कांकरोली,राजसमंद (राजस्थान) का निवासी हूँ| मेरी उम्र 21 वर्ष है| वर्तमान में स्नातक में अध्ययनरत हूँ और मैंने बी.एस.टी.सी. अध्यापक प्रशिक्षण किया है| मेरी रूचि हिन्दी रचनाएँ लिखने में है|