भजन/भावगीत

मेरे अंगना में गणपति आए

मेरे अंगना में गणपति आए नाचूंगी मैं तो झूम-झूम के       2413/ 11.9.99
मेरे नैना मगन हर्षाए नाचूंगी मैं तो झूम-झूम के-

 
1.गणपति तेरे अजब-निराले
सूंड सुहानी गजमुख वाले
करके करुणा अंगनवा में आए नाचूंगी मैं तो झूम-झूम के-

 
2.मूषक वाहन अजब-निराला
छोटा-सा वाहन देह विशाला
ऐसा रूप दिखाने को आए नाचूंगी मैं तो झूम-झूम के-

 
3.भोग प्रभु का अजब-निराला
बर्फ़ी न पेड़े मोदक वाला
ऐसा भोग खिलाने को आए नाचूंगी मैं तो झूम-झूम के-

 
4.प्यार प्रभु का अजब-निराला
बल-बुद्धि-विद्या देने वाला
भक्ति-ज्ञान भेंट में लाए नाचूंगी मैं तो झूम-झूम के-

 
5.दरश प्रभु का अजब-निराला
विघ्न हटा सुख देने वाला
पहला पूजन पाने को आए नाचूंगी मैं तो झूम-झूम के-

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

5 thoughts on “मेरे अंगना में गणपति आए

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत सुन्दर भजन, बहिन जी !

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , भजन बहुत सुन्दर लगा .

  • राजकुमार कांदु

    श्रद्धेय बहनजी , यहाँ तो पूरा वातावरण ही गणपतिमय हुआ है और लोग उनामी भक्ति में मगन झूम गा रहे हैं । ऐसे में आपका यह अनुपम भजन भक्तों को एक उत्कृष्ट सौग़ात है । बहुत बहुत धन्यवाद ।

    • लीला तिवानी

      प्रिय राजकुमार भाई जी, एक सटीक एवं सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

    • लीला तिवानी

      प्रिय राजकुमार भाई जी, एक सटीक एवं सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

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