कविता

हिंदी दिवस

भारत को बचाना है, हिंदी को अपनाना है
बोलने की बात नही, अमल में लाना है

पूरे भारत में हमें, ये अलख जगाना है
सातों दिन आठों घड़ी, हिंदी गुण गाना है

निज भाषा अपनी है, कभी मत भूलो तुम
अंग्रेजी की गुलामी से, देश को बचाना है

सभी देशवासियों को, हिंदी पे अभिमान हो
स्वाभिमान है भारत, यही समझाना है

यह भाषा श्री राम की , है बुद्ध का सन्देश ये
पूरब से पश्चिम तक, हिंदी को फैलाना है

आओ मिलकर हम, प्रण यह आज करें
हिंदी को जो हीन माने, उसे दफ़नाना है।
प्रिया

*प्रिया वच्छानी

नाम - प्रिया वच्छानी पता - उल्हासनगर , मुंबई सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन प्रकाशित पुस्तकें - अपनी-अपनी धरती , अपना-अपना आसमान , अपने-अपने सपने E mail - priyavachhani26@gmail.com