कविता

कविता : हिन्दी भाषा

जो बोली जाती है … भारत में मेरे

कहलाए वो ‘हिन्दी’… पिछड़ों की भाषा !
आज सीख रहे हैं … मेरे देश में
तुतलाते स्वर भी… अँग्रेजी भाषा !!

सब भाषाओं की … जननी कहलाये
पर अपने ही घर में … है नाकारी जाए !
आ मिल दें सम्मान… के फिर से बदलें
ज्ञान – अज्ञान की … ये नई परिभाषा !!

आन है हिन्दी… मेरी शान है हिन्दी
सभ्यता की … पहचान है हिन्दी !
मिश्री सी मीठी… आलौकिक हिन्दी
है बसी ह्रदय में… ये पावन भाषा !!

बहु भाषा का … प्रसार भले हो
पर मेरी हिन्दी… सबसे ऊपर हो !
सर आँखों पर… बस जाए हिन्दी
मन में है बस… ये अभिलाषा !!

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed