कवितापद्य साहित्य

हिदुस्तानी है हिंदी

आओ बच्चों तुम्हे पढ़ायें, सच्चे जीवन की बातें
पढ़ते जाओ लिखते जाओ, पढ़कर ही आगे जाते |
भारत गौरव गाथा गाओ, मिलकर नन्हे सब बच्चे
लय में मिठास कोयल जैसा, दिलों में भावना सच्चे ||

देवनागरी लिपि में हिन्दी, भाषा है अपनी प्यारी
तुम जैसा लिखो वैसा पढो, विशेषता इसकी न्यारी |
हँसते गाते सीखो इसको, सहज सरल है यह हिन्दी
छोड़ो गैर देश की भाषा, हिन्दुस्तानी है हिन्दी ||

मत छोड़ो तुम अपनी भाषा, पर हिन्दी को भी सीखो
हर भाषा की तहज़ीब अलग, सब तहजीबों को जानो |
दिल है विशाल जिसका जग में, कुटुंब दुनिया धानी है
भेद भाव भूलाकर बोलो, हम सब हिन्दुस्तानी हैं ||
©कालीपद ‘प्रसाद’

*कालीपद प्रसाद

जन्म ८ जुलाई १९४७ ,स्थान खुलना शिक्षा:– स्कूल :शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ,धर्मजयगड ,जिला रायगढ़, (छ .गढ़) l कालेज :(स्नातक ) –क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भोपाल ,( म,प्र.) एम .एस .सी (गणित )– जबलपुर विश्वविद्यालय,( म,प्र.) एम ए (अर्थ शास्त्र ) – गडवाल विश्वविद्यालय .श्रीनगर (उ.खण्ड) कार्यक्षेत्र - राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कालेज ( आर .आई .एम ,सी ) देहरादून में अध्यापन | तत पश्चात केन्द्रीय विद्यालय संगठन में प्राचार्य के रूप में 18 वर्ष तक सेवारत रहा | प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुआ | रचनात्मक कार्य : शैक्षणिक लेख केंद्रीय विद्यालय संगठन के पत्रिका में प्रकाशित हुए | २. “ Value Based Education” नाम से पुस्तक २००० में प्रकाशित हुई | कविता संग्रह का प्रथम संस्करण “काव्य सौरभ“ दिसम्बर २०१४ में प्रकाशित हुआ l "अँधेरे से उजाले की ओर " २०१६ प्रकाशित हुआ है | एक और कविता संग्रह ,एक उपन्यास प्रकाशन के लिए तैयार है !