कविता

मनोबल

हूँ मैं निर्बल
तन से लेकिन
मनोबल है
चट्टान सा
कोशिश कर ले
लाख कोई, न टूटेगा
ये कोई चीज नही
कांच का
न लग सकता कभी
इस पर
मायूसियों का जंग
है ये हिमालय सा
विशाल,अटल,अडिग
नही डिगा सकती
इसको कोई भी आंधी
दुश्वारियों की ।
-सुमन शर्मा

सुमन शर्मा

नाम-सुमन शर्मा पता-554/1602,गली न0-8 पवनपुरी,आलमबाग, लखनऊ उत्तर प्रदेश। पिन न0-226005 सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन प्रकाशित पुस्तकें- शब्दगंगा, शब्द अनुराग सम्मान - शब्द गंगा सम्मान काव्य गौरव सम्मान Email- rajuraman99@gmail.com