बोधकथा

धैर्य बहादुरी का द्वार खोल देता है

ब्रिटेन में भारतीय मूल की दुकानदार करमजीत संघा ने एक लुटेरे के सामने अपनी बहादुरी का परिचय बहुत मजेदार अंदाज में दिया. मैगजीन शॉप की ओनर करमजीत एक सुबह दुकान का रूटीन काम निपटाकर फुर्सत में बैठकर अपनी चाय का आनंद ले रही थी, कि तभी स्टुअर्ट ग्लीसन नामक एक ड्रग अडिक्ट हाथ में 7 इंच का चाकू लेकर अंदर आया और कहा- ”जो भी कैश दुकान में है, वह उसके हवाले कर दे”. करमजीत ने बहुत धैर्यपूर्वक कूल अंदाज में लुटेरे से कहा- ”थोड़ी देर रुको, मैं चाय पी रही हूं.” इस पर लुटेरा हैरान होते हुए बोला- ”उसे अभी सारा कैश चाहिए”. इस पर 49 वर्षीय करमजीत ने पास रखा क्राफ्ट नाइफ उठाकर उसकी तरफ लहराते हुए उसे बाहर निकल जाने को कहा. वह लुटेरे को चोट नहीं पहुंचाना चाहती थीं, लेकिन उसे डराने के लिए इतना ही काफी था. वह तुरंत दुकान से भाग गया, हालांकि इसके बाद कुछ घंटों के अंदर ही लुटेरे को पकड़ भी लिया गया. अदालत ने उसे 5 साल की सजा सुनाई है. एक हाथ में चाय, दूसरे हाथ में चाकू, मन में धैर्य और मस्तिष्क में लुटेरे से मुकाबला करने की योजना का इससे अच्छा उदाहरण कहां मिलेगा?

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244