कविता

अच्छा लगता है !

अच्छा लगता है…..

सुबह सबेरे
ग्रीन चाय का एक प्याला और
रात की खुमारी ओढ़े हुए
ढ़ेर सारी बातें करना,
तुम संग,
अच्छा लगता है…

– बलवंत सिंह
१७-०७-१६

बलवंत सिंह अरोरा

जन्म वर्ष १९४३, लिखना अच्छा लगता है। निवास- शहरों में शहर....लखनऊ।