ग़ज़ल
बोल क्या मैं करूँ तुम्हारी ख़ुशी के लिए शमां बनकर जलती हूँ रोशनी के लिए। ये शिकायत नहीँ है दर्द
Read Moreशेठ इमरतिलाल लाला धनीराम से मिलने आये थे । दोपहर का वक्त था । लाला धनीराम शायद किसी काम से बाहर
Read Moreकिस ज़माने की बात करते हो रिश्तें निभाने की बात करते हो अहसान ज़माने का है यार मुझ पर क्यों
Read Moreश्रद्धा से ही कीजिए, निज पुरुखों को याद। श्रद्धा ही तो श्राद्ध की, होती है बुनियाद।। — आदिकाल से चल
Read Moreबात उन दिनों की है जब एक आने के दो समोसे आते थे और एक रुपये का सोलह सेर
Read Moreमेरे पापा सबसे अच्छे, मेरे संग बन जाते बच्चे। झटपट वो घोड़ा बन जाते, और पींठ पर मुझे बिठाते।
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