गीत/नवगीत

नवरात्रि है आई

नवरात्रि है आई ‘ नवरात्रि है आई
भक्ति संग खुशियाँ ‘ उल्लास है लाई
नवरात्रि है आई नवरात्रि है आई ।

दुर्गा पंडाल सजे बजे ढोल ताशे
गरबा की धुन पर डांडिया संग नाचे
भक्तों ने मैया की महिमा है गायी
नवरात्रि है आई ‘ नवरात्रि है आई ।

पहले दिन शैलपुत्री ‘ दूजे ब्रह्मचारिणी
तीजे चंद्रघंटा हैं दुःख की निवारिणी
दुखियों के दुःख काटे सुख देने आई
नवरात्रि है आई ‘ नवरात्रि है आई ।

चौथे कुष्मांडा ‘ पांचवें स्कंदमाता
छठे कात्यायिनी सुन दुःख भाग जाता
महिमा अपार माँ की वर्णन न होई
नवरात्रि है आई ‘ नवरात्रि है आई ।

सातवें कालरात्रि ‘ तो आठवें महागौरी
नौवें सिधिदात्री संग दर्शन हो पूरी
नौ रूप दुर्गा के दर्शन सुखदायी
नवरात्रि है आई ‘ नवरात्रि है आई ।

सभी भक्तजनों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।