उपन्यास अंश

अधूरी कहानी:अध्याय-45:ट्रेकिंग डिवाइस

वीरू तेजा के घर से थोड़ा दूर चारों तरफ पुलिस फोर्स तैनात होने के वाबजूद भी कातिल का कुछ पता नहीं चला और न ही कोई सुराग मिला।
पूरे बैडरूम ,वीरू तेजा और बिल्ली की तस्वीरे लें ली गयीं और वीरू तेजा व बिल्ली की लाश को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया।
समीर ने कैमरों द्वारा रिकार्ड की गई विडियो की बार देखी परईकुछ सुराग जैसा नहीं मिला।
दिन के करीब 11 बजने वाले है डिटेक्टीव समीर टीवी पर न्यूज देख रहा था।
मीडिया वालों के बोल कुछ इस तरह थे-शहर में काफी दिनों से एक सीरियल किलर खुला घूम रहा है और पुलिस उसे पकड़ने में अब तक नाकाम है क्यों? क्या पुलिस इस बात को सीरियस नहीं ले रही है या कोई पुलिस डिपार्टमेंट का आदमी उसका साथ दे रहा है कुछ भी हो सकता है?
समीर ने टीवी बंद कर दी और बोला इन मीडिया वालों से जितना भी बचो पर इन तक न्यूज पहुँच ही जाती है और ये लोग पुलिस को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और फिर समीर चेयर पर बैठ कर काॅफी पीने लगा और सोच रहा था कि वह कुछ भी करे इस केस क सोल्व करने के लिये पर हर बार निराशा ही हाथ लगती है।
अचानक समीर का ध्यान सूरज की तरफ गया जो पास में बैठा लेपटाॅप पर तस्वीरें देख रहा था हाॅलाकि समीर उन तस्वीरों को कई बार देख चुका था पर उसे एक तस्वीर कुछ अजीब लगी उसने सूरज के हाथ से लेपटाॅप लिया और उसमें बिल्ली की तस्वीर को निकालकर ध्यान से देखने लगा और सूरज से बोला कि तुम्हें इस बिल्ली के गले का पट्टा कुछ अजीब नहीं लगता तब सूरज ने उसे जूम किया अब उस पट्टे में लगी कुछ चीज साफ दिखने लगी तब सूरज बोला यह क्या है-
अब समीर का चहरे पर हंसी नजर आयी और बोला वाह सुराग मिल गया तब सूरज बोला क्या मिल गया है समीर सूरज को समझाते हुए बोला कि यह एक ट्रेकिंग डिवाइस है जिसे हम किसी जानवर के गले में लगा देते है और यह उस जानवर के दिमाग से कनेक्ट हो जाती है और यह रिमोट कन्ट्रोल्ड होती है और यह कि भी नेटवर्क द्वारा रिमोट से कनेक्ट रहती है मतलब ऑपरेटर काफी दूर से भी इस डिवाइस को कंट्रोल कर सकता है और जानवर से अपने मन मुताबिक काम करवा सकता है उर इस डिवाइस में एक सेंसर होता है जो खतरा होने पर रिमोट में रेड लाइट दिखाता है और रिमोट से रेड बटन दवाने पर यह डिवाइस ब्लास्ट हो जाती है पर कुछ उपकरणों और कोई अच्छे टेक्नीशियन की सहायता से इसके ऑपरेटर की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है तब सूरज बोला फिर तो ये बहुत खतरनाक है समीर ने हाॅ में सिर हिलाया और बोला जल्दी से गाड़ी निकालो और किसी को भी कुछ मत बताना फिर समीर ने बिल्ली की पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखी जिसमें बिल्ली के मौत का कारण किसी विस्फोटक के ब्लास्ट को बताया गया था।
सूरज ने तबतक गाड़ी निकाल ली थी समीर गाड़ी में बैठा और वे दोनों फोरेंसिक डिपार्टमेंट में पहुँचे और डाक्टर से बिल्ली के बारे में पूछा तब वह बोला कि उसे तो पोस्टमार्टम के बाद जमीन में दफना दिया है तब समीर ने वहां के एक आदमी से बिल्ली को खुदबाकर बाहर निकलबा लिया और उस डिवाइस को निकाल लिया फिर समीर ने रणवीर गुप्ता को फोन किया और तुरंत पुलिस स्टेशन पहुँचने को कहा और खुद व सूरज भी वहां से पुलिस स्टेशन की तरफ रवाना हुये

दयाल कुशवाह

पता-ज्ञानखेडा, टनकपुर- 262309 जिला-चंपावन, राज्य-उत्तराखंड संपर्क-9084824513 ईमेल आईडी-dndyl.kushwaha@gmail.com