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छन्द काव्य संकलन ”करते शब्द प्रहार“ पुस्तक का विमोचन

श्री लक्ष्मण रामानुज लडीवाला रचित छंद काव्य संग्रह “करते शब्द प्रहार” पुस्तक के विमोचन समारोह और कवितालोक जयपुर की image1काव्यगोष्ठी का आयोजन अपैक्स इंस्टिट्यूट, मानसरोवर, जयपुर के सभागार में हुआ | प्रारंभ में मुख्य अतिथि शास्त्री एवम अध्यक्ष ओम नीरव का शाल ओढाकर स्वागत किया गया | विमोचन करते हुए मुख्य अतिथि देवर्षि कलानाथ शास्त्री ने बताया कि दो पंक्तियों के दोहों में मारक प्रहार करने की क्षमता होती है | किन्तु मूल शिल्प विधा का उचित निर्वहन आवश्यक हैं जो लडीवाला के दोहों में देखने को मिलता है| अध्यक्षता करते हुए ओम नीरव (लखनऊ) ने कहा कि जीवन अनुभव के आधार पर रचित इनके दोहे समाज को दिशा प्रदान करने में सक्षम है | इन्होने दोहों पर आधारित दोहे गीत रचने का नवीन प्रयोग किया हैं | दोहा-मुक्तक को समृद्ध किया है| “करते शब्द प्रहार”कृति पर डॉ साधना प्रधान,विजय मिश्र दानिश और शोभा चंदर ने भी प्रकाश डाला |

लडीवाला ने बतया कि पुस्तक में नारी उत्त्थान, सामाजिक कुरीतियों और मानवीय सम्बनधो पर अधिक बल दिया image2गया हैं | उन्होंने अपने दोहों का वाचन भी किया | 71 वर्षीय लडीवाला के जीवन पर उनके पुत्र योगेन्द्र लडीवाला ने प्रकाश डाला | विमोचेन समारोह का संचालन श्रीमती शोभा चंदर ने किया |

कवितालोक की काव्यगोष्ठी में भोपाल के अशोक व्यग्र और दानिश जयपुरी, बनारस के उदय प्रताप द्विवेदी,बागपत के राजेश मंडार,गाजियाबाद की ममता लडीवाल,भीलवाडा के हरिओम सोनी “हेरत” जयपुर के सुनील जश्न,सुरेश गोस्वामी सुरेशजी,सुशील सरना, विजय मिश्र दानिश ,डॉ साधना प्रधान, उजला लोहिया,विनिता सुराना किरण, ज्योत्स्ना सक्सेना,शिवानी शर्मा, मोहन सिंहरत्नू, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला, के अतिरिक्त अध्यक्षता कर रहे श्री ओम नीरव ने अंत में सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया | गोष्टी का संचालन भूपेन्द्र भरतपुरी और विजय मिश्र दानिश ने किया | अंत में संयोजक योगेन्द्र लडीवाला ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया |