लेख

करवा चौथ : परम्पराओं का पालन या अँधविश्वास का खेल

करवाचौथ के दिन भारतवर्ष में सुहागिनें अपने पति की लम्बी उम्र के लिए चाँद दिखने तक निर्जला उपवास रखती है. पति पत्नी का रिश्ता समस्त इस धरती पर सबसे जरुरी और पवित्र रिश्ता है आज के इस दौर में जब सब लोग एक दुसरे की जान लेने पर तुलें हुयें हों तो आजकल पत्नी का पति के लिए उपवास रखना किसी अजूबे से कम नहीं हैं। कहावत है कि करवा चौथ का व्रत रखने से पति की आयु बढती है और प्यार भी तो क्या जिनके खानदान में ये परंपरा है क्या वहां कोई विधवा नहीं होती और वहां कभी कोई तलाक नहीं हुआ? अगर ऐसा नहीं है तो फिर क्यूं ये दिखावा? ऐसें भी दम्पति हैं सारे साल लड़ते झगड़ते है और फिर ये दिखावा करते है. क्या जो महिलाये ये व्रत नहीं रखती वो अपने पति से प्यार नहीं करती ? क्या उनके मन में अपने पति की उम्र की लम्बी कामना नहीं होती? क्या वे विधवा हो जाती है? नहीं ऐसा कुछ नहीं होता,
हम सब ये सब जानते हैं, फिर भी ये परंपरा निभाते चले जाते है. ये अंधविश्वास नहीं तो और क्या है?  आज जरुरत है पुराने अंधविश्वास को छोड़कर नयी मान्यताओ को लेकर आगे बढना जिसका कोई ठोस मकसद हो. वेसे भी क्या एक दिन ही काफी है पति के लम्बी उम्र की कामना के लिए? बाकी के दिन नहीं? अगर हर रोज ये कामना करनी हैं फिर ये करवा चौथ क्यों ? आज के समय में जरुरत है कि नयी परम्पराओं को जन्म देकर आपसी रिश्ता कैसे मजबूत कर सकें परस्पर मिलकर खोज करने की।

मेरी पत्नी को समर्पित एक कविता :

अर्पण आज तुमको हैं जीवन भर की सब खुशियाँ
पल भर भी न तुम हमसे जीवन में जुदा होना
रहना तुम सदा मेरे दिल में दिल में ही खुदा बनकर
ना हमसे दूर जाना तुम और ना हमसे खफा होना

अपनी तो तमन्ना है सदा हर पल ही मुस्काओ
सदा तुम पास हो मेरे ,ना हमसे दूर हो पाओ
तुम्हारे साथ जीना है तुम्हारें साथ मरना है
तुम्हारा साथ काफी हैं बाकी फिर क्या करना है

अनोखा प्यार का बंधन इसे तुम तोड़ ना देना
पराया जान हमको अकेला छोड़ ना देना
रहकर दूर तुमसे हम जियें तो वह सजा होगी
ना पायें गर तुम्हें दिल में तो ये मेरी खता होगी

— मदन मोहन सक्सेना

*मदन मोहन सक्सेना

जीबन परिचय : नाम: मदन मोहन सक्सेना पिता का नाम: श्री अम्बिका प्रसाद सक्सेना जन्म स्थान: शाहजहांपुर .उत्तर प्रदेश। शिक्षा: बिज्ञान स्नातक . उपाधि सिविल अभियांत्रिकी . बर्तमान पद: सरकारी अधिकारी केंद्र सरकार। देश की प्रमुख और बिभाग की बिभिन्न पत्रिकाओं में मेरी ग़ज़ल,गीत लेख प्रकाशित होते रहें हैं।बर्तमान में मैं केंद्र सरकार में एक सरकारी अधिकारी हूँ प्रकाशित पुस्तक: १. शब्द सम्बाद २. कबिता अनबरत १ ३. काब्य गाथा प्रकाशधीन पुस्तक: मेरी प्रचलित गज़लें मेरी ब्लॉग की सूचि निम्न्बत है: http://madan-saxena.blogspot.in/ http://mmsaxena.blogspot.in/ http://madanmohansaxena.blogspot.in/ http://www.hindisahitya.org/category/poet-madan-mohan-saxena/ http://madansbarc.jagranjunction.com/wp-admin/?c=1 http://www.catchmypost.com/Manage-my-own-blog.html मेरा इ मेल पता: madansbrac@gmail.com ,madansbarc@ymail.com