पूर्वोत्तर भारत के लोकसाहित्य की विशेषताएँ
पूर्वोत्तर भारत के आदिवासी पर्वतशिखरों एवं सुदूर जंगलों में प्राकृतिक जीवन व्यतीत करते हैं जहाँ गीत गाते झरनों, बलखाती नदियों,
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Read Moreप्रिय बच्चो, सदा खुश रहो, आज इंटरनैशनल इंटरनेट डे (29 अक्टूबर) है. हमारी जिंदगी में इंटरनेट की अहमियत निर्विवाद है.
Read Moreगाड़ी सरपट भागी जा रही थी । अब तक खामोश बैठे लालाजी अचानक सुशीलादेवी से मुखातिब हुए ” शिकारपुर गाँव
Read Moreविजात छंद में गीत 1222 1222 1222 1222 (पहला और आठवाँँ वर्ण लघु , मात्रा पतन को ‘ चिह्न से
Read Moreदीपावली के दिन जो पूजा होती है उसे लक्ष्मी पूजन कहा जाता है। आज ज्यादातर लोग समझते हैं कि लक्ष्मी
Read Moreआंगन रोशन आज है क्यों जरा शहीदों की भी याद रहे । याद रहे हाँ याद रहे भारत वीरों की
Read Moreदीप जलाओ दीप जलाओ, मन अन्दर दीप जलाओ। अन्धकार को दूर भगाओ, चहुओर जोति फैलाओ॥ धूम मचाओ धूम मचाओ, आज
Read Moreइस बार दिवाली सीमा पर, है खड़ा मवाली सीमा पर। इसको अब सीधा करना है, इसको अब नहीं
Read Moreपँहुचे ना आफताब जहाँ शायर पहुँचे गरीबो के जानने वो हालात घर पहुँचे !! उनकी आँखे बयां करती है हाल
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