ग़ज़ल : ख्वाब आँखों में
ख्वाब आँखों में जितने पाले थे, टूट कर के बिखर ने वाले थे। जिनको हमने था पाक दिल समझा, उन्हीं
Read Moreख्वाब आँखों में जितने पाले थे, टूट कर के बिखर ने वाले थे। जिनको हमने था पाक दिल समझा, उन्हीं
Read Moreहोटल विंटर पैलेस में काफी दोस्त बन गए थे। इकठे बाहर चले जाते। कभी कहीं किसी दुकान पर बैठ कर
Read Moreडॉक्टर माथुर को यह उम्मीद थी कि लालाजी अमर के बारे में पूछ कर उससे मिलने के लिए बेताब हो
Read Moreकलम आज जय उनकी बोलो, जिनकी अजब कहानी है, जिनके बलिदानों से पावन , गंग-जमुन का पानी है, कलम आज
Read Moreतुम्हारी जैसी इच्छा हो उसे ईश्वर मानो। तुम्हें ईश्वर भक्ति जैसे करनी हो वैसे करो। तुम किसी भी कार्य को
Read Moreविगत 140 दिनों से भी अधिक समय से उत्तर प्रदेश में चली आ रही समाजवादी कलह अब सतह पर नहीं
Read Moreपढ़ती बाला आस जगाती, भावी कल इनका होगा सैनिक अपने पहरा देते, मान इन्हें देना होगा | कही क्रोध है
Read Moreमापनी- 122 122 122 12, 10- 8 पर यति, पदांत- लघु गुरु मना लो गले से लगालो मुझे तमन्ना तुम्हारी
Read Moreराम राम झिनकू काका, कैसे हैं आप…….सब खैरियत तो है न……… कब पधारे बबुआ, बहुत दिन बाद गांव याद आया………..ठीक
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